आरती केवल भक्ति नहीं, बल्कि विज्ञान से जुड़ी परंपरा है। जानिए क्यों दीपक देवता के समक्ष घुमाया जाता है और इसका मन, शरीर व आत्मा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
परिचय (Introduction)
हिंदी:
आरती, दीपक को देवता के समक्ष घुमाने की परंपरा है। यह केवल श्रद्धा का प्रतीक नहीं, बल्कि विज्ञान और ऊर्जा से भी जुड़ी हुई साधना है।
English:
Aarti, the ritual of circling a lamp before deities, is more than devotion—it is deeply linked with science, energy, and mindfulness.
शास्त्र वचन (Scriptural Verse)
देवनागरी:
दीपो ज्योतिर्परं ब्रह्म, दीपो ज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं, सन्ध्या दीपो नमोऽस्तु ते॥
Transliteration:
Dīpo jyotir paraṁ brahma, dīpo jyotir Janārdanaḥ ।
Dīpo haratu me pāpaṁ, sandhyā dīpo namo'stu te ॥
भावार्थ (Meaning):
दीपक स्वयं ब्रह्म का स्वरूप है, यह भगवान विष्णु का प्रतीक है। आरती का दीप हमारे पाप और अंधकार को दूर करता है।
आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि (Spiritual & Scientific View)
हिंदी:
- दीपक से निकलने वाली लौ वातावरण को शुद्ध करती है।
- घुमाने से ऊर्जा का चक्र बनता है, जिससे सकारात्मक तरंगें फैलती हैं।
- आरती देखने से नेत्रों और मस्तिष्क पर शांति का प्रभाव पड़ता है।
English:
- The flame purifies the atmosphere.
- Circling creates an energy field that spreads positivity.
- Gazing at the flame calms the eyes and mind.
आरती मंत्र (Aarti Mantra)
“ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।”
यह सबसे लोकप्रिय आरती मंत्र है, जो भक्त और भगवान के बीच प्रेम का सेतु है।
रोचक तथ्य (Curiosities)
- आरती में घंटी बजाना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- दीपक में घी का प्रयोग सबसे शुद्ध माना जाता है।
- आरती के बाद हाथों से लौ को स्पर्श कर नेत्रों पर लगाने से ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हिंदी:
आरती केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भक्ति, विज्ञान और ऊर्जा का अद्भुत संगम है।
English:
Aarti is not just ritual—it is the union of devotion, science, and divine energy.