Vishnu Aarti

Vishnu Aarti

ॐ जय विष्णु भगवान, हरि
Om Jai Vishnu Bhagwan

श्री विष्णु भगवान की आरती
ॐ जय विष्णु भगवान, हरि ॐ जय विष्णु भगवान।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का।
स्वामी दुःख बिनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय विष्णु भगवान।

शेषशैया पर शयन कर्ता, लक्ष्मी चरण दबावे।
गरुड़ वाहन प्रभु का, सदा हाजिर रहता।
चक्र गदा शंख पद्म धारी, चार भुजा सुशोभित।
वैकुण्ठ धाम निवासी, भक्तों के रक्षक।

दशावतार धारण कर्ता, धर्म की स्थापना।
राम कृष्ण रूप धर्के, असुरों का संहार।
मत्स्य कूर्म वराह नरसिंह, वामन परशुराम।
राम कृष्ण कल्कि अवतार, सभी रूप तुम्हारे।

पालनहार जगत के, सबके तुम आधार।
सृष्टि स्थिति संहार कर्ता, ब्रह्मा विष्णु महेश।
त्रिमूर्ति में विष्णु रूप, पालन का काम।

जो कोई आरती विष्णु की, प्रेम सहित गावे।
कहत कबीरा विष्णु प्रभु, सुख सम्पत्ति पावे॥
ॐ जय विष्णु भगवान।