
Navdurga 7 Kaalratri
कालरात्रि माँ शुभंकरी
Kaalratri Maa Shubhankari
आरती देवी कालरात्रि जी की
कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली माँ जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय॥
कालरात्रि माता की आरती
कालरात्रि माँ शुभंकरी। भयंकर रूप में कल्याणकारी ॥
सातवें दिन की अधिष्ठात्री देवी। काल का नाश करने वाली सेवी ॥
गर्दभ वाहन पर सवार। तीन नेत्रों से ज्वाला की धार ॥
खुले केश और भयानक रूप। असुरों के लिए काल का कूप ॥
भक्तों के लिए माँ मंगलकारी। सभी भयों से मुक्ति दिलाने वाली हारी ॥
कालरात्रि माँ शुभंकरी। भयंकर रूप में कल्याणकारी ॥
कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली माँ जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय॥
कालरात्रि माता की आरती
कालरात्रि माँ शुभंकरी। भयंकर रूप में कल्याणकारी ॥
सातवें दिन की अधिष्ठात्री देवी। काल का नाश करने वाली सेवी ॥
गर्दभ वाहन पर सवार। तीन नेत्रों से ज्वाला की धार ॥
खुले केश और भयानक रूप। असुरों के लिए काल का कूप ॥
भक्तों के लिए माँ मंगलकारी। सभी भयों से मुक्ति दिलाने वाली हारी ॥
कालरात्रि माँ शुभंकरी। भयंकर रूप में कल्याणकारी ॥