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Navdurga 6 Katyayani
कात्यायनी माँ भवानी
Katyayani Maa Bhavani
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Aarti Lyrics
🎶आरती देवी कात्यायनी जी की
जय जय अम्बे जय कात्यायनी। जय जग माता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥
कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
कात्यायनी माता की आरती
कात्यायनी माँ भवानी। महिषासुर मर्दिनी ज्ञानी ॥
छठे दिन की अधिष्ठात्री देवी। सभी विघ्नों की हरने वाली सेवी ॥
चार भुजाओं में खड्ग और चक्र। कमल और वरमुद्रा का मंत्र ॥
सिंह पर आसीन महारानी। दुष्टों का नाश करने वाली ज्ञानी ॥
कन्याओं के लिए वरदायिनी। सभी मनोकामना पूर्ण करने वाली रानी ॥
कात्यायनी माँ भवानी। महिषासुर मर्दिनी ज्ञानी ॥
जय जय अम्बे जय कात्यायनी। जय जग माता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥
कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
कात्यायनी माता की आरती
कात्यायनी माँ भवानी। महिषासुर मर्दिनी ज्ञानी ॥
छठे दिन की अधिष्ठात्री देवी। सभी विघ्नों की हरने वाली सेवी ॥
चार भुजाओं में खड्ग और चक्र। कमल और वरमुद्रा का मंत्र ॥
सिंह पर आसीन महारानी। दुष्टों का नाश करने वाली ज्ञानी ॥
कन्याओं के लिए वरदायिनी। सभी मनोकामना पूर्ण करने वाली रानी ॥
कात्यायनी माँ भवानी। महिषासुर मर्दिनी ज्ञानी ॥
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