
Mahamrityunjaya Mantra
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
Om Tryambakam Yajamahe
महामृत्युंजय मंत्र आरती
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
जय शिव ॐकारा, स्वामी जय शिव ॐकारा।
महामृत्युंजय देवा, संकट हरने वाला।
त्रिनेत्र धारी शिव शंकरा, कैलाश पर्वत वासी।
गंगा जटा में बहती, नन्दी है सेवा में।
डमरू बजाते शिव शंकरा, त्रिशूल है हाथ में।
रुद्र रूप में भयंकरा, भक्तों के काम आते।
नीलकंठ महादेवा, विष पिया जग के हित।
हलाहल का प्याला पीकर, जग को बचाया।
महामृत्युंजय मंत्र जो, भक्ति से करता जाप।
उसके सारे कष्ट हरे, मृत्यु भय से पाए मुक्ति।
बम बम भोले, बम भोले बम।
हर हर महादेव, शम्भो शंकर।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
जय शिव ॐकारा, स्वामी जय शिव ॐकारा।
महामृत्युंजय देवा, संकट हरने वाला।
त्रिनेत्र धारी शिव शंकरा, कैलाश पर्वत वासी।
गंगा जटा में बहती, नन्दी है सेवा में।
डमरू बजाते शिव शंकरा, त्रिशूल है हाथ में।
रुद्र रूप में भयंकरा, भक्तों के काम आते।
नीलकंठ महादेवा, विष पिया जग के हित।
हलाहल का प्याला पीकर, जग को बचाया।
महामृत्युंजय मंत्र जो, भक्ति से करता जाप।
उसके सारे कष्ट हरे, मृत्यु भय से पाए मुक्ति।
बम बम भोले, बम भोले बम।
हर हर महादेव, शम्भो शंकर।